Pankaj Sir Physics की कहानी उनकी जुबानी:-
Pankaj Sir Physics को आप और हम जानते है जी हाँ वहीं पंकज सर फिजिक्स जो यूट्यूब पर फिजिक्स पढ़ाते है और बड़े सारे प्रक्टिकल भी कराते है वहीं Pankaj Sir Physics जिनके यूट्यूब चैनल पर पटना के एक सर ने स्ट्राइक मार दी थी आज हम उन्हीं पंकज सर फिजिक्स के बारे में सब कुछ बताने वाले है आपको की किस प्रकार से सर का जीवन रहा है किन परिस्थितियों का पंकज सर को अपने जीवन में सामना करना पड़ा.
कहते हैं अगर व्यक्ति के अंदर मेहनत लगन और जज्बा हो तो वह बड़े से बड़े मुकाम को हासिल कर सकता है और इस दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना सकता है हमारे सामने ऐसे कहीं उदाहरण है जिन्होनें अपने दम पर अपना एक साम्राज्य बनाया है और शायद इन लोगों के लिए एक शायरी भी कहीं गई है कि खुदी पर कर बुलंद इतना कि खुदा खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है
आज हम Pankaj Sir Physics के बारे में सब कुछ बताने वाले है,पंकज सर हाल ही में josh talk पर भी आये थे जहां उन्होंने पटना वाले एक सर के बारे में भी बात करी कि किस तरह से उन पटना वाले सर ने पंकज सर फिजिक्स की वीडियो पर स्ट्राइक दी पंकज सर का कहना है कि ऐसा पटना वाले सर ने इसलिए किया ताकि पंकज सार अपने ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग बंद कर दे और उन पटना वाले सर की कोचिंग को जॉइन कर ले उन्हें यह भी कहा कि पटना वाले सर ने एक जगह गलत पढ़ाया था और उसे Pankaj Sir Physics ने सही तरह समझाया तो उन पटना वाले सर ने और उनके बच्चों ने यहां तक कहा कि आखिर हमारे पटना वाले सर के करोड़ो सब्सक्राइबर है वह गलत कैसे हो सकते हैं और फिर अगले दिन जब पंकज सर फिजिक्स ने उसका प्रैक्टिकल करके दिखाया तो जो उनके प्रैक्टिकल की वीडियो थी उसे भी पटना वाले पर के द्वार स्ट्राइक मार दी गई.
Pankaj Sir Physics बायोग्राफी:-
पंकज सर फिजिक्स उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के एक छोटे से गांव में रहते थे पंकज सार का जन्म 10 नवंबर सन 1970 को हुआ था पंकज सर का कहना है कि उनका परिवार लगभाग 11 साल तक किराए के मकान में रहे थे जहां पर उनके आस-पास का जो माहौल था वह अच्छा नहीं था मने आस-पास का माहौल ऐसा नहीं था कि आप वहां पर अपनी पढ़ाई कर सकें.
पंकज सर का स्वयं कहना है कि उनके पिता जी की जो सैलरी थी वह उस समय 70 रुपये महीना थी पंकज सर के पिता जी सरकारी नौकरी पर थे, खाने और पहनने की कमी नहीं थी लेकिन जीवन में जो भौतिक संसाधन होते हैं न उसका थोड़ा बहुत अभाव पंकज सर के जीवन में भी था और स्वयं वह भी कहते हैं कि मैं खुद भी सोचता था कि मुझे बहुत ही ज्यादा मन लगाकर पढ़ाई करनी है ताकि मैं खूब सारा पैसा कमा सकूं.
पंकज सर फिजिक्स ने अपने बचपन की कहानी भी सुनाई, जब वह नवी क्लास में पढ़ते थे और विज्ञान में बहुत ज्यादा होशियार थे तो उनके विज्ञान के जो टीचर थे उन्होन पंकज सर से अपनी क्लास की सारी कॉपी चेक कराई थी और साथ में जो टीचर थे उनका बेटा भी उसी क्लास में पढ़ता था टीचर ने पंकज सर की कॉपी और अपने बेटे की कॉपी छोड़ कर जितने भी सारे कॉपियां थी वह पंकज सर और अपने बेटे से ही चेक करवायी थी और पंकज सर ने साथ ही साथ उनके बेटे की भी कॉपी चेक करी और जहाँ पर कुछ गलतियां करी थी तो पंकज सर फिजिक्स ने उस पर नंबर काटे, लेकिन टीचर ने अपने बेटे की कॉपी में नंबर को बढ़ा दिया और अपने बेटे को क्लास का टॉपर घोषित कर दिया उसे दिन पंकज सर को एहसास हुआ कि कहीं ना कहीं जो शिक्षा है न वहां पर भी परिवारवाद हावी हो गया है.
परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पंकज सर ने ग्रेजुएशन करने के बाद कोचिंग संस्थान में पढ़ने का सोचा और एक कोचिंग संस्थान में पढ़ने के लिए भी गए ताकि अपने परिवार का और स्वयं को आर्थिक रूप से सपोर्ट किया जा सके लेकिन जब वह वहां पर उस कोचिंग में गए तो उन्हें यह एहसास हुआ कि यहां पर जो कुछ टीचर है ना वह विज्ञान के जो क्वांटम नंबर का टॉपिक होता है उसको गलत तरीके से पढ़ा रहे हैं और इस वजह से पंकज सर फिजिक्स ने कोचिंग को भी छोड़ दिया.
धीरे-धीरे करके Pankaj Sir Physics ने अपने घर पर ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया, शुरूआत मैं एक बच्चा आया और वह अमरुद के पेड़ के नीचे बैठकर स्वयं ट्यूशन पढ़ाते थे, सबसे पहले सुबह-सुबह अमरुद के पेड़ के नीचे झाड़ू लगाते ताकि जो पत्ते होते तो उनको हटाया जा सके धीरे-धीरे करके एक बच्चे आए फिर दो बच्चे आए फिर चार बच्चे और धीरे-धीरे करके पंकज सर फिजिक्स का कोचिंग चलने लगा पंकज सर अपने कोचिंग का प्रमोशन खुद अपने हाथों से पोस्टर बनाकर करते थे.
ग्रेजुएशन करने के बाद Pankaj Sir Physics ने पॉलिटेक्निक में एडमिशन लिया, जहां उन्हें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की ब्रांच मिली और वहां से उन्हें अपने पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा मिला, इसके बाद Pankaj Sir Physics ठेकेदारी का भी काम किया और लगभाग 5 साल तक उन्हें ठेकेदारी का काम किया उनका खुद कहाना है कि वह सुबह-सुबह ट्यूशन पढ़ाते थे और शाम को ट्यूशन पढ़ाते थे और बीच में जितना भी समय होता था वह उसमें ठेकेदारी का काम करते थे क्योंकि कहीं ना कहीं ठेकेदारी के काम में उन्हें ज्यादा फायदा होता था लेकिन इसका प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा था इसलिए उन्होंने बच्चों को पढ़ाने के लिए ठेकेदारी का काम छोड़ दिया.
1997 में Pankaj Sir Physics की शादी हुई और फिर उनका परिवार आगे बढ़ा और उन्हें खूब मेहनत करी ताकि जिन पैसों का अभाव उन्हें हुआ, उन पैसों के अभाव की वजह से उनके बच्चों की पढ़ाई के ऊपर उसका कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े और पंकज सर फिजिक्स ट्यूशन पढ़ाकर खूब पैसा कमाया उनका स्वयं का कहना है कि उन्होंने तीन गड़ियां भी खरीदी और उन्हें इतना पैसा कमाया कि उनके बच्चे अगर किसी भी कॉलेज में पढ़ना चाहे तो पैसा का अभाव उसके बीच में कारण नहीं बनेगा लेकिन वक्त कब पलट जाता है किसी को पता नहीं होता, ऐसा ही कुछ पंकज सर के साथ हुआ, यह उस वक्त की बात है जब सहारा में बहुत लोगों को पैसे डूबे, उसी सहारा कंपनी में पंकज सर के भी पैसे डूब गए जिस वजह से Pankaj Sir Physics के बच्चों की पढ़ाई के सामने भी कई परेशानिया आयी, उन्हें अपनी तीनो कार बेचनी पड़ी यहा तक कि बैंक से लोन तक लेना पड़ा, और फिर धीरे धीरे करके परिस्थिति में सुधार आया.और फिर 2020 में कोरोना आया फिर एक और नई समस्या खड़ी हो गई, की परिवार को कैसे चलाएंगे क्योंकि ट्यूशन बंद हो गए और फिर Pankaj Sir Physics के जो कुछ पूर्व छात्र थे और जो उनके बच्चे है उन्होंने कहा कि सर आप जूम ऐप पर लाइव क्लासेज लो और गूगल मीट पर लाइव क्लासेस लो,उस वक्त पंकज सर ने गूगल और जूम जैसे एप्लीकेशन है वहां पर पढ़ना शुरू किया किताबों को एडजेस्ट करके वीडियो बनाना शुरू किया क्योंकि शुरूआट मे ट्राइपॉड नहीं था और फिर एक-एक मिनट के शॉट्स के माध्यम से Pankaj Sir Physics के सिद्धांत को समझते थे एक तरफ जहां 1996 में Pankaj Sir Physics ट्यूशन पढ़ने के 60 ₹ फीस लेते थे वही आज भी फीस उनके सिर्फ और सिर्फ मात्रा ₹ 500 प्रति महीना है जो बहुत ही कम है.
Pankaj Sir Physics Instagram:https://www.instagram.com/er_pankaj_sir?igsh=MWRpamZoZWs3ZmR3cg==
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